कोयला खदान के लिए अधिग्रहित जमीन पर रातों-रात अवैध निर्माण, प्रशासन ने शुरू किया सर्वे

रायगढ़ । रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक के गांवों में कोयला खदान के लिए अधिग्रहित जमीन पर रातों-रात अवैध निर्माणों की भरमार हो गई है। ज्यादा मुआवजे की लालच में खेतों और खाली जमीनों पर आलीशान इमारतें, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, दुकानें, टीन शेड, तालाब, ट्यूबवेल, और मुर्गी फार्म बनाए जा रहे हैं। प्रशासन को शिकायत मिलने के बाद अब इन अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है।

मुआवजे की लालच में अवैध निर्माण:
महाराष्ट्र स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड के ताप विद्युत गृहों के लिए रायगढ़ जिले में गारे पेल्मा कोल ब्लॉक का आवंटन वर्ष 2016 में किया गया था। लगभग 2500 हेक्टेयर से अधिक की जमीन के लिए माइनिंग लीज और मुआवजे के लिए 3000 से अधिक परिवारों को चिन्हित किया गया था। हालांकि, अब तमनार ब्लॉक के मुड़ागांव, रोडोपाली सारसमाल, ढोलनारा सहित अन्य गांवों में बाहरी लोगों, भू- माफियाओं, और बिल्डरों ने अवैध निर्माण शुरू कर दिया है। यह निर्माण बिना किसी उपयोग के केवल मुआवजे के लालच में किया जा रहा है।

ड्रोन सर्वे से खुलासा:
2019 में हुई जनसुनवाई के बाद ड्रोन सर्वे के जरिए खदान क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की जांच की गई, जिसमें यह पता चला कि इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो रहे हैं। किसानों के साथ डील करके जमीन कारोबारी इन जमीनों पर निर्माण कर मुआवजे को चार गुना बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश में हो चुका है घोटाला:
इस तरह की घटना पहले मध्यप्रदेश के सिंगरोली जिले में भी सामने आ चुकी है, जहां राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए अधिग्रहित जमीनों पर अवैध निर्माण कर मुआवजा बढ़ाने की कोशिश की गई थी। प्रशासन ने इस पर सख्ती से रोक लगाई थी और अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे।

प्रशासन की कार्रवाई:
महाराष्ट्र स्टेट पॉवर जनरेशन कंपनी लिमिटेड की शिकायत पर अरसी मोर घरघोड़ा के एसडीएम ने बताया कि तमनार ब्लॉक में मुआवजे के लिए हो रहे आवासीय और व्यावसायिक निर्माणों की जांच के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। इस सर्वेक्षण के दौरान सरकारी रिकॉर्ड से मिलान कर यह देखा जाएगा कि कौन से निर्माण अवैध हैं और उन पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्रशासन अब इन अवैध निर्माणों को रोकने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है, ताकि भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोका जा सके।

 

Markandey Mishra, Editor

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