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सरकार ने खत्म की IPS की नौकरी, गृह मंत्रालय का बड़ा एक्शन, भ्रष्टाचार की शिकायत पर मार दी थी कारोबारी को गोली

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश के एक भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी को सिविल सेवा से बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त अधिकारी का नाम मणिलाल पाटीदार है। प्रदेश सरकार ने बर्खास्तगी की अनुशंसा केंद्रीय गृह मंत्रालय से की थी जिसके बाद कार्मिक विभाग ने उनका नाम सेवा से हटा दिया। हाल फिलहाल में किसी आईपीएस अधिकारी पर हुई यह अबतक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। पूरा मामला महोबा के चर्चित खनन व्यापारी की हत्या से जुड़ा है।

क्या था महोबा हत्याकांड?

दरअसल मामला तब का है जब आईपीएस मणिलाल पाटीदार महोबा जिले के एसपी के तौर पर तैनात थे। महोबा के एसपी रहने के दौरान खनन कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाये थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर 7 सितंबर 2020 को वायरल हुआ था। इसके दो दिन बाद इंद्रकांत त्रिपाठी की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर पाटीदार सहित तीन अन्य के विरुद्ध हत्या का मामला दर्ज किया गया था।

गठित हुई थी एसआईटी

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसआईटी का गठन किया था। इसके बाद वर्ष 2014 बैच का आईपीएस मणिलाल पाटीदार फरार हो गया था। एसआईटी की जांच में एसपी पाटीदार और अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए थे। इस मामले में क्षेत्र के थाना प्रमुख देवेन्द्र शुक्ला सहित चार सिपाहियों को बर्खास्त कर दिया गया। दो साल तक फरार रहने के बाद पाटीदार ने 15 अक्टूबर 2022 को लखनऊ की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था।

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Markandey Mishra

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