छत्तीसगढ़

एक मां की आंसू स्वास्थ्य विभाग पर कलंक, क्यों

Listen to this article

कोरबा (वीएनएस)।  गरीबी से जूझ रही अमीषा धनवार को अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए न केवल एक साल तक सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़े, बल्कि जब प्रमाण पत्र में त्रुटि सामने आई, तो सुधार के लिए उसे 500 रुपए की रिश्वत का इंतजाम करना पड़ा।

अमीषा के पास कोई नियमित आमदनी नहीं है। वह अपने परिवार का गुजारा सरकार की राशन योजना से मिलने वाले चावल पर ही करती है। लेकिन जब विकल्प नहीं बचा, तो उसने बच्चे की थाली से चावल निकालकर बाजार में बेच दिए, ताकि किसी तरह 500 रुपए इकट्ठा कर सके और अपने बेटे का जन्म प्रमाण पत्र हासिल कर सके।

इस घटना के बारे में बताते हुए मीडिया कर्मियों के सामने रो पड़ी। वह कह रही है कि एएनएम ने कहा है कि जब तक 500 रुपये नहीं लाओगी, जन्म प्रमाण पत्र नहीं दूंगी। मेरे पास खाने का इंतजाम नहीं है, पैसे का क्या इंतजाम करती। 500 रुपये की व्यवस्था मैंने चावल बेचकर की है।

सामाजिक कार्यकर्ताओं में रोष है। उनका कहना है कि दोषी एएनएम को तत्काल निलंबित कर कठोर कार्रवाई की जाए, और अमीषा को आर्थिक सहायता देकर न्याय दिलाया जाए।
Markandey Mishra

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also
Close