रायपुर । केंद्र सरकार की नक्सलवाद के खात्मे को लेकर चल रही रणनीति के अनुरूप अब नक्सलियों से निर्णायक लड़ाई तेज हो चुकी है।
रणनीति के तहत राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर में सीआरपीएफ के 3,200 जवानों की चार बटालियनों को भेजा जा रहा है। अब तक प्रदेश में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की एक बटालियन यानी 800 जवानों को भेजा जा चुका है। हालांकि समाचार एजेंसी प्रेट्र के अनुसार 4,000 जवान छत्तीसगढ़ भेजे जाएंगे।
मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का संकल्प लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा काम कर रहे हैं। देश के सबसे बड़े बल ने प्रदेश में इन चार बटालियनों समेत 40 बटालियन तैनात की हैं। साथ ही इस क्षेत्र में कोबरा बटालियन के जवान भी तैनात किए गए हैं।
नई बटालियनें तैनात करने का उद्देश्य बस्तर के सभी अंदरूनी क्षेत्रों में पैर जमाना है ताकि सरकार द्वारा तय की गई समय-सीमा के भीतर नक्सलवाद को समाप्त किया जा सके।
हालांकि, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सीआरपीएफ बटालियनों को लगातार तकनीक, हेलीकाप्टर और संसाधन सहायता की आवश्यकता होगी, क्योंकि दक्षिण बस्तर नक्सल विरोधी अभियानों के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है।
मोर्चे पर जवानों को लगातार मिल रही सफलता
पिछले दिनों प्रदेश के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रायपुर में कहा था कि नक्सलवाद से लड़ाई अब अंतिम चरण में है। 23 से 25 अगस्त 2024 तक रायपुर में हुई शाह की रणनीतिक बैठक के बाद इसका असर धरातल पर भी दिख रहा है।
10 दिन में 18 नक्सलियों को जवानों ने ढेर किया है। 29 अगस्त को नारायणपुर में तीन महिला नक्सली, तीन सितंबर को दंतेवाड़ा जिले में बैलाडीला की पहाड़ियों के भीतर नौ नक्सली मारे गए। अब तक आठ महीनों में 152 नक्सली मारे जा चुके हैं।
जहां नक्सलवाद कम, वहां से हटाया बल
बताया जाता है कि झारखंड से तीन और बिहार से एक बटालियन वापस ले ली गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दोनों राज्यों में नक्सली हिंसा की स्थिति में सुधार हुआ है और घटनाएं नगण्य हैं।
इन बटालियनों का बेहतर उपयोग छत्तीसगढ़ में किया जा सकता है, जहां अब नक्सल विरोधी अभियान केंद्रित हैं। बस्तर में सीआरपीएफ की 159, 218, 214 और 22 नंबर बटालियन को तैनात किया जा रहा है।
प्रत्येक सीआरपीएफ बटालियन में लगभग 800 जवान होते हैं। इन्हें दंतेवाड़ा और सुकमा के दूर-दराज के जिलों और ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के साथ राज्य की त्रि-जंक्शन सीमा के दूरदराज के स्थानों पर तैनात किया जा रहा है।
बस्तर में अधिक फारवर्ड आपरेटिंग बेस (एफओबी) स्थापित करने के लिए सीआरपीएफ यहां कोबरा इकाइयों के साथ हाथ मिलाएंगी तीन वर्षों में प्रदेश में लगभग 40 एफओबी बनाए गए हैं।
बस्तर में तीन हजार से अधिक जवान तैनात किए जाएंगे। अभी केंद्र से 800 जवान आ चुके हैं। नक्सलियों के खिलाफ मुहिम जारी है। -सुंदरराज पी., आइजी बस्तर रेंज