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भगोड़े विकास सिंह को आखिरकार कोरबा पुलिस ने दबोच ही लिया, आका नगर सेठ भी नहीं बचा पाए विकास को हथकड़ी लगने से, आदिवासी महिला की अस्मत से खिलवाड़ कर सालो से घूमता फिर रहे आदतन बदमाश को काटनी पड़ेगी जेल में रात

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कोरबा – चेहरे पर रसूखियत का लिबाज़ ओढ राजनेता बनने का सब्जबाग सजाए विकास सिंह की रात अब जेल में कटने वाली है। लंबे समय से पुलिस से भागते फिर रहे विकास सिंह को आखिरकार कोरबा पुलिस ने दौड़कर दबोच ही लिया। पुलिस की पकड़ इतनी मजबूत है की विकास की गर्दन जल्दी नहीं छूटने वाली है। आदतन बदमाश विकास सिंह अपने आका नगर सेठ के बल पर हर बार लोगो को धमकाकर बचने में कामयाब रहता था लेकिन इस बार विकास को जयसिंह का तिलिस्म भी नहीं बचा पाया और देर रात विकास सिंह पुलिस के चंगुल में फंस गया। जिस आदिवासी महिला की अस्मत से खिलवाड़ कर इसने पीड़ित महिला को ही जेल भेजवा दिया था

अब उसी महिला से छेड़छाड़ करने के मामले में बदमाश विकास को जेल की हवा खानी पड़ेगी। पिछले कई सालो में पुलिस की जरायम में गुंडे के रूप में दर्ज विकास की तलाश कोरबा पुलिस को लंबे समय से थी जैसे ही पुलिस को उसके पड़ोसी जिले में होने की ख़बर मिली कानून ने अपना राज चलाया और विकास के हाथों में सीधे हथकड़ी पहना दी। विकास पर वैसे तो एक दर्जन से अधिक पंजीकृत मामले है

 

जिसके बाद उसे जिला बदर भी किया गया था लेकिन विकास के गुनाहों की कहानी जो पुलिस तक नहीं सिर्फ विकास के खौफ के कारण नहीं पहुंची उसकी संख्या सैकड़ों में है। आज पीड़ित महिला समेत सैकड़ों परिवारों को विकास के आतंक से छुटकारा मिला है। पुलिस जल्द ही आदतन अपराध में शामिल रहने वाले विकास को लेकर कोरबा पहुंच रही है जिसके बाद उसका वो डरा सहमा चहेरा भी हम आपके सामने लाएंगे जिसको दिखा कर वो कईयों साल से कोरबा में लूट की दुकान खोले बैठा था। हाथ जोड़े विकास सिंह अब रहम की भीख मांगता फिर रहा है लेकिन आदिवासी महिला से छेड़छाड़ मामले में उसको राहत मिलनी आसान नहीं लगती है।

 

बिहार से आकर कभी ज़मीन दलालों का रहनुमा बन सैकड़ों एकड़ ज़मीन हड़प गए विकास ने श्रमिको के आड़ में अरबों का ठेका भी पाया है। आका के ऊंचाई में पहुंचते तो विकास अपहरण और न जाने क्या क्या करने लग गया।

उसके निजी मकान की कीमत ही करोड़ों की है। एसईसीएल के जमीन पर बेजा कब्जा कर बनाए गए ऑफिस की तो बात ही अलग है। अब ये सब मेहनत और ईमानदारी कर तो बनाई नहीं जा सकती है। फिलहाल इंतजार है हाथो में हथकड़ी पहले विकास के कदम कोरबा में पड़ने का, कहानी जारी रहेगी पढ़ते रहिए ग्राम यात्रा न्यूज नेटवर्क क्योंकि हम सच छुपाते नहीं खुलकर बताते है…

Markandey Mishra

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