छत्तीसगढ़

नान घोटाले में टूटेजा को मिली हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत

उनके वकीलों का दावा उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं, भ्रष्टाचार को आरोप निराधार

Listen to this article

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नान घोटाले में आईएएस अनिल टूटेजा को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत दे दी है। कोर्ट में उनके वकीलों ने अपनी तरफ से दलील दी की मामले में उनके खिलाफ को साक्ष्य नहीं है और न ही उनसे कोई रिकवरी हुई है। अत: उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार आरोप निराधार हैं। जस्टिस आरपी शर्मा के कोर्ट ने वकीलों के दलीलों को सुनने के बाद उन्हें अग्रिम जमानत दे दी।
उनके वकील अवि सिंह और पीयूष भाटिया ने रायपुर में पत्रकारों को बताया कि नान घोटाले में ईओडबल्यू ने 30 माह के बाद दिसम्बर 2018 में अनिल टूटेजा और डॉ. आलोक शुक्ला के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी। चार्जशीट में उनके खिलाफ कोई सीधा साक्ष्य और उनसे कोई रिकवरी का उल्लेख नहीं था। मामले में न ही उनसे कोई पूछताछ की गई थी और उनकी गिरफ्तारी भी नहीं की गई थी। उन्होंने बताया कि नान के जिस 100 पेज के डायरी का जिक्र आया है, उसके 6 पन्नों को ही देखा गया। मामले में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि डायरी किसने लिखी।
उन्होंने बताया कि इसी मामले में एक और पिटिशन जो फरवरी 2016 में हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी उस पर सुनवाई चल रही है। मामले में 13 मई को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। उनके वकीलों ने कहा कि पूरे मामले की फिर से जांच कराने की मांग भी कोर्ट के समक्ष रखी गई है। एसीबी ने जिस पीरियड में घोटाले और घटिया चावल सप्लाई के लिए केस दर्ज किया था, उसी पीरियड में चावल के गुणवता संबंधी एक सवाल के जवाब में सरकार ने लिखित जवाब में बताया कि उस समय उत्तम क्वालिटी की चावल सप्लाई की गई। कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई। टुटेजा के वकीलों ने इसे आधार बनाया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि श्री टूटेजा मात्र आठ महीने नान एमडी के पद पर रहे। इस दौरान टुटेंजा के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। न ही उन्होंने किसी से रिश्वत मांगने की शिकायत है। न ही प्रारंभिक एफआईआर में उनका नाम था। एसीबी ने 55 से अधिक गवाहों से पूछताछ के बाद भी कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई कि नान के आरोपियों से उनका कोई कनेक्शन था। श्री टुटेजा के आठ महीने तक प्रबंध निदेशक रहने के दौरान राज्य सरकार को कोई नुकसान भी नहीं हुआ। अलबत्ता, आडिट में नान को तीन करोड़ रुपए का लाभ ही हुआ। उनके वकील पीयूष भाटिया ने कोर्ट को बताया कि टुटेजा के एमडी रहने के दौरान पीडीएस सिस्टम की जमकर तारीफ हुई बल्कि उसे कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से भी नवाजा गया। इस दलील को सुनने के बाद जस्टिस आरपी शर्मा ने टुटेजा को अग्रिम जमानत दे दी।

Markandey Mishra

Related Articles

Check Also
Close