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जिले के कैंसर रोगियों को अब इलाज के लिए नहीं लगानी पड़ेगी बड़े शहरों की दौड़

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कोरबा 17 अगस्त 2023/कलेक्टर श्री सौरभ कुमार के मार्गदर्शन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एन. केशरी एवं अधिष्ठाता डॉ. अविनाश मेश्राम के प्रयास से जिले में कैंसर के ईलाज की सुविधा प्रारंभ हो गई है। जिले के स्व. बिसाहू दास स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय संबंध अस्पताल के ट्रामा सेंटर बिल्डिंग में प्रातः 8 बजे से 2 बजे तक कैंसर रोग- रेडियोथेरेपी विभाग की डे-केयर कीमोथेरेपी की सुविधा मिलेगी। जिससे जिले के कैंसर रोगियों को अब इलाज के लिए बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। अब जिला चिकित्सालय कोरबा में ही कैंसर रोगियों की स्क्रीनिंग तथा डे केयर कीमोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध होगी।
सीएमएचओ डॉ. केसरी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इसके पूर्व जिले के किसी भी अस्पताल में कैंसर रोगियों के उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। कैंसर रोगियों के ईलाज हेतु विभाग में डॉ पी. पाणिग्रही (एम.एस.), डॉ. सोनू कुमार साहू (जे.आर.) तथा डॉ. माधवी महत (जे.आर.) की नियुक्ति की गई है। इससे कैंसर रोगियों का कोरबा जिले में ही इलाज हो सकेगा और उन्हें मानसिक और शारीरिक परेशानी के साथ आर्थिक रूप से राहत मिलेगी।
कैंसर का इलाज न सिर्फ शारीरिक रूप से परेशान करने वाला होता है बल्कि आर्थिक रूप से भी परिवार को कष्ट देता है। कैंसर के मरीज का बाहर किसी चिकित्सालय में इलाज हेतु कीमोथेरेपी की आवश्यकता होती है जिसकी एक डोज पर 5 से 26 हजार रूपये खर्च आता है। साथ ही ईलाज के दौरान दी जाने वाली दवाई और आने-जाने का खर्च अतिरिक्त रूप से मरीज को वहन करना पड़ता है। एक मरीज को कीमो का 6 से 7 डोज दिया जाता है। इससे मरीज को बहुत अधिक आर्थिक बोझ सहना पड़ता है। स्व बिसाहू दास स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय संबंध अस्पताल के ट्रामा सेंटर में कैंसर रोग-रेडियोथेरेपी विभाग की डे-केयर कीमोथेरेपी की सुविधा प्रारंभ होने से मरीजों को उक्त खर्चों से पूरी तरह छुटकारा मिलेगा एवं उनकी आर्थिक बचत होगी। कैंसर यूनिट में कैंसर रोग की स्क्रनिंग के साथ साथ-साथ कीमोथेरेपी की सुविधा तथा इसके साथ इससे संबंधित अन्य दवाईयों भी निःशुल्क दी जायेगी।
डॉ. केशरी ने कैंसर के लक्षण की पहचान के संबंध में बताया कि इसका लक्षण बहुत विविधतापूर्ण हो सकता है। उन्होंने बताया कि कैंसर का लक्षण हो सकता कि वे बिल्कुल ना पाए जाए। इसी प्रकार कुछ मरीजों में असमान्य गाँठे, समझ ना आने वाला बुखार रात में पसीना आना या अनजाने में वजन में हुई वृद्धि या कमी, पाचन संबंधी समस्या कब्ज या दस्त होना, आवाज बदल जाना, लिम्फ नोड्स में सूजन, त्वचा के रंग में बदलाव इसके लक्षण में शामिल हैं। ऐसे लक्षणों वाले मरीज स्व बिसाहू दास स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय सबंध अस्पताल कोरबा के ट्रामा सेंटर बिल्डिंग, प्रथम तल में प्रातः 8 से दोपहर 2 बजे तक में कैंसर रोग-रेडियोथेरेपी विभाग की डे-केयर में इलाज की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।

Markandey Mishra

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