छत्तीसगढ़

तोरवा में नई शराब दुकान से आक्रोष पनपा

एनएच और शैक्षणिक संस्थान की परवाह भी नहीं आबकारी महकमे को

Listen to this article

बिलासपुर। विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस की सरकार और उनके नेताओं ने शराबबंदी को अपना मुख्य एजेंडा बताकर वोट मांगा था लेकिन चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा सरकार की शराब दुकाने ही चल रही हंै। यही कारण है कि बिलासपुर व आसपास के अवासीय क्षेत्रों में बड़ी संख्या में शासकीय शराब दुकानें धड़ल्ले से व्यापार कर रही है। तोरवा के आदिवासी कन्या छात्रावास से लगी जमीन पर मदिरा दुकान व चखना सेंटर खोला जाना प्रस्तावित है। इसी वार्ड में एक शराब भट्ठी पहले से संचालित है। शासन प्रशासन के इस निर्णय से यंहा के लोग आक्रोशित हैं। मंगलवार को क्षेत्रवासियों ने बड़ी संख्या में कलेक्टोरेेट पहुंचकर स्थानीय विधायक व कलेक्टर को अपनी आपत्ति जताते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दी है। लोगों ने बताया कि तोरवा मेन रोड जेपी रेसीडेंसी के सामने एनएच 49 राजमार्ग के सामने हेमंत मोदी, कमल मोदी, गौरव मोदी, दिनेश मोदी की भूमि है। इसमे मदिरा दुकान व आहता खोला जाना है जो कि पूर्णत: रहवासी क्षेत्र है। ऐसे में यहां शराब दुकान खुलने से आपराधिक मामले भी बढ़ेंगे साथ ही छेड़छाड़, लूट की वारदात होंगी। राष्ट्रीय राजमार्ग होने की वजह से एक्सीडेंट होने की घटनाएं भी बढ़ेंगी। पिछले 4० वर्षों से ये इलाका गुंडे बदमाशों से घिरा रहा है। शराब भट्ठी का खुलना अपराधिक तत्वों को बढ़ावा देना है।
à
सरकार शराब बंदी का संकल्प लेकर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है लेकिन इस तरह की वादा खिलाफी से लोग नाराज हो रहे हैं।
5०० मीटर का नियम भी मजाक बना
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूरे देश में एनएच और हाईवे से लगे 5०० मीटर क्ष्ोत्र के अंतर्गत आने वाली सभी शराब दुकानों को हटाना गया है, लेकिन कलेक्टोरेट पहंुचे प्रदर्शनकारियों ने बताया कि अबकारी विभाग एनएच के नजदीक ही दुकान खोलकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लघंन कर रही है। इससे एक्सीडेंट होने की संभावना बढ़ जाएगी।
वर्जन
सरकार का जो कमिटमेंट पूरा होगा, देखते हैं कब तक पूरा होता है। मैंने आबकारी विभाग को बोल दिया है वहां दुकान ना खोली जाए, उम्मीद है नहीं खुलेगी।
श्ौलेष पांडे
विधायाक

Markandey Mishra

Related Articles

Check Also
Close